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इबादत की ख़ामोशी: दिल को छूने वाली मोहब्बत की शायरी

इबादत की ख़ामोशी: दिल को छूने वाली मोहब्बत की शायरी

बहुत ख़ामोश होकर हम उसे देखते हैं
कहते हैं, इबादत में बोला नहीं करते

Bahut khamosh hokar hum use dekhte hai
Kehte hai, Ibaadat mein bola nahi karte

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