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मुस्कुराने की कोशिश तो की थी

मुस्कुराने की कोशिश तो की थी ….
मगर ….,,
फिर भी पलकों पे थोड़ी सी नमीं रह गयी …..
दर्द मुझसे मिलकर रोता रहा …,
और ….
ख़ुशी थोड़े फासले से देखती रह गयी ……

kaun kehta hai khamoshiya khamosh hoti hai

मोहब्बत हर इन्सान को आज़माती है