“महफ़िल,मुकाम,रास्ते और गम उदास हैं ,
खुद में जो जब्त हैं सभी मौसम उदास हैं ,
किस-किस से पूछियेगा बेहल सवाल ये ,
सब ही उदास हैं या फ़क़त हम उदास हैं
“महफ़िल,मुकाम,रास्ते और गम उदास हैं ,
खुद में जो जब्त हैं सभी मौसम उदास हैं ,
किस-किस से पूछियेगा बेहल सवाल ये ,
सब ही उदास हैं या फ़क़त हम उदास हैं