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रही न साँस में ख़ुशबू

रही न साँस में ख़ुशबू तो भाग फूट गए गया शबाब तो अपने पराए छूट गए कोई तो छोड़ गए कोई मुझको लूट गए महल गिरे सो गिरे, झोंपडे भी टूट गए

पत्थर की है दुनिया,

चाँद पर दाग हैं