रही न साँस में ख़ुशबू तो भाग फूट गए गया शबाब तो अपने पराए छूट गए कोई तो छोड़ गए कोई मुझको लूट गए महल गिरे सो गिरे, झोंपडे भी टूट गए
in हिन्दी शायरी
रही न साँस में ख़ुशबू तो भाग फूट गए गया शबाब तो अपने पराए छूट गए कोई तो छोड़ गए कोई मुझको लूट गए महल गिरे सो गिरे, झोंपडे भी टूट गए